लेखनी प्रतियोगिता -05-Mar-2023
एक रात सुहानी थी मिले दो हंस हंसिनी
और इश्क की कहानी थी
मुलाकात हुई फिर बात हुई हाथो में मेरे मेंहदी का रंग
देख वो लाली मेंहदी की बोला प्रेम बहुत करेगा प्रीत तेरा
मैं इतराती हुई बलखाती हुई बोली तुमसे मतलब क्या
उस से मुख थोड़ा सा मोड़ लिया
अनजान हो तुम ज्यादा कम मुझसे बोला करो
अपनी मुझको जो बोलते हो खुद को न मुझसे तौला करो।
मुझे प्रीत की रीत बता कर के मेरे दिल में अब मीत बना
मेरे नैनन को निहार निहार मुझे दिल से पुकारते थे
मैं देख तेरी नैनन में प्रेम में भी सच्चाई थी
मुझे जीवन में आगे बढ़ने को हर वक्त प्रेरणा जगाई थी
तेरे साथ हूं मैं तो क्यों इतना घबराती है
बावरी हो क्या जो हर बात में आसूं बहाती है
मेरे हर तकलीफ में आगे था मुझे एहसास न
कभी होने दिया
इश्क का पाठ सीखा कर के आज मेरा वो प्रीत बना
शाश्वत प्रेम हुआ उसको और मैं भी देखो ढल गई
अनजान रिश्ते में भी ये इश्क की मेरी कहानी बन गई।
Varsha_Upadhyay
11-Mar-2023 09:39 PM
शानदार
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Renu
07-Mar-2023 05:02 PM
👍👍
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अदिति झा
06-Mar-2023 11:02 PM
Nice
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